होली तो एक बहाना है,
तुझे रंग लगाने का,
अपने अंदर के नटखट,
कान्हा को जगाने का,
घट घट देखूं राह तेरी,
दर्शन को तरसे नैन
हृत मन अगन ऐसी लगी
मीरा मैं जोगन बनी।
अब तो अवसर आ गया,
छूने तेरे गालों को,
राधा बन झूमें मन,
प्रेम रंग लगाने को।
ओ किशन! कहां छुपे हो?
देख मैं गाऊं तेरे गीत,
आ जाओ मिल कर नाचें,
मन मीत बने, मिले प्रीत।
आप सभी को होली की शुभकामनाएं।
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