कहानियां

चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 1)

अरे नंदू, काम पर नहीं गया आज? क्यों? तबियत ठीक नहीं है क्या? मम्मी हैं घर पर? पापा ऑफिस चले गए? मेरे पड़ोस में रहने वाली सरिता आंटी ने एकाएक इतने सारे सवाल पूछ दिए मुझे मेरे घर के बाहर अकेला बैठा हुआ देखकर। मैंने जवाब में बस इतना ही कहा – नहीं आंटी, तबियत […]

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चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 2)

चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 1) से आगे … शाम के 4 बज रहे थे, और हम अपने गंतव्य स्टेशन वाराणसी पहुंचने वाले थे।  चंदा… इधर आकर देखो… वो देखो, खिड़की के उस तरफ… वो, वहां पर। है ना… दिखा तुम्हे?  नंदू मुझसे ट्रेन की खिड़की के बाहर इशारे कर कुछ दिखाने की कोशिश कर

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चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 3)

चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 2) से आगे… कहानी शुरू से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 👉🏻 (चंदा कहानी सीरीज भाग – 1) हम वाराणसी स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नं 1 की तरफ चल दिए जहां पापा के ऑफिस से कोई रिसीव करने आने वाले थे।  जय हिन्द सर, नमस्ते मैडम। सर, सफर कैसा रहा?  जय

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चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 4)

चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 3) से आगे… कहानी शुरू से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 👉🏻 (चंदा कहानी सीरीज भाग – 1) नंदू… उठो बेटा। सुबह के 9 बज चुके हैं। मम्मी ने दरवाजा खटखटाया और फिर कहा… उठ जाओ बेटा। हां मम्मी, उठ गया अब तो (दरवाजा खोलकर मैंने कहा)। नंदू, पापा तो

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चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 5)

चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 4) से आगे… कहानी शुरू से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 👉🏻 (चंदा कहानी सीरीज भाग – 1) अरे वाह, ये बहुत अच्छी बात है। संक्रांति का दिन भी बहुत शुभ है। तो फिर एक काम करते हैं, मैं अपने ऑफिस स्टाफ को आमंत्रित करता हूं, त्योहार में थोड़ी रौनक

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चंदा (हिंदी कहानी सीरीज – अंतिम भाग)

चंदा (कहानी सीरीज, भाग – 5) से आगे… कहानी शुरू से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 👉🏻 (चंदा कहानी सीरीज भाग – 1) इसका मतलब तुमने पापा को बता दिया हमारे बारे में? (चंदा ने हैरानी से पूछा) अरे अभी ये नहीं बताया हूं, वो मुझे पागल समझेंगे। मैं वहां ये पता करने गया था कि

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