मन मीत सखा
उंगली पकड़कर मेरी, ले जाते अपने संग, जीवन के हर मोड़ पर, भर देते एक नई उमंग। सुनियोजित, सुकुमार ज्येष्ठ, हैं वो परम् सुहृदय श्रेष्ठ, चारों तरफ फैलाया सौरभ, बढ़ गया है कुल का गौरव। दृढ़ निश्चयी, बन आदर्श, सींचे मन, बन प्रेम कलश, दिखा के इक राह नयी, वंचित कर हर एक प्रकश। भ्राता […]