दीप प्रज्वलित,
करते रहें हम,
नाम का तेरे,
हरवर्ष ऐ गुरुवर,
शत सहस्र पर,
थमे नहीं यह,
कोटि वंदन,
वंदना कर…
दीप प्रज्वलित,
करते रहें हम,
नाम का तेरे,
हरवर्ष ऐ गुरुवर।
गीत ऐसा,
लिख दिया है,
हम सदा,
गाते रहेंगे,
स्वार्थ अपना,
भूलकर सब,
राष्ट्रधुन बस,
गाते चलेंगे।
सीख ऐसी,
दी है हमको,
हम सदाचारी बनेंगे।
दीप प्रज्वलित,
करते रहें हम,
नाम का तेरे,
हरवर्ष ऐ गुरुवर।
परम पूज्य गुरुदेवश्री के 74वें प्राकट्य दिवस में उनके चरणों में अर्पित 🌹