आ गया जैसे कान्हा Leave a Comment / By Manish Singh Tomar / May 31, 2020 खिलखिलाया फिर एक बार, दिल से बच्चा, संग तेरे, आ गया जैसे कान्हा, बन बच्चा, जब घर मेरे। है प्रार्थना, कान्हा से, बस मुस्काए हर पल तू, दिल की गहराई से, हैप्पी बर्थडे टू यू।
खफा न होंगे अब फिर से Leave a Comment / रोमांटिक कविताएं, हिंदी कविताएं ऐसे अगर गुस्सा कर खामोश हो जाओगी, मेरे गुम हो जाने की वजह बन जाओगी… तुम्हारे खफा होने की वजह मैं जानता हूं, गर नहीं…
सब व्यर्थ है, तेरे बिन Leave a Comment / हिंदी कविताएं कटती नहीं ये रातें, रुकता नहीं ये दिन, क्या बताऊं कैसे बीते, ये पल पल तेरे बिन। रात आए मेरी, जब हो सबका सवेरा, सो…
बनकर तेरे चरणों का दास Leave a Comment / पारिवारिक कविताएं, हिंदी कविताएं मां मुझे तू, फिर सहला दे, ममता का फिर नीर पिला दे। रोया नहीं हूं, अरसों से मां, सोया नहीं हूं, बरसों से मां, गले…
हौसलों की उड़ानों से 2 Comments / पारिवारिक कविताएं, प्रेरणात्मक कविताएं, हिंदी कविताएं गोद में उस दिन तुझको जब, लेकर अपने सीने से लगाया, पूरी हो गई आरज़ू मेरी, तेरे माथे को जब सहलाया। मुस्काते देखा जब तूने,…