रमेश की पत्नी, सीमा, उससे नाराज होकर अपने मायके जाने की धमकी दे चुकी थी। वजह? रमेश उनकी सालगिरह भूल गया था! अब रमेश बुरी तरह फँस चुका था।
उसने कई तरीके आज़माए—चॉकलेट लाया, फूलों का गुलदस्ता दिया, यहाँ तक कि सीमा के पसंदीदा गाने भी गाए, लेकिन सीमा थी कि पिघलने का नाम ही नहीं ले रही थी।
आखिरकार, उसकी सास ने सलाह दी, “बेटा, इसे समोसे बहुत पसंद हैं, कुछ करो!”
रमेश को एक जबरदस्त आइडिया आया। वह तुरंत बाजार गया, और सबसे बढ़िया समोसे लेकर आया। लेकिन ये साधारण समोसे नहीं थे—रमेश ने हर समोसे पर चटनी से कुछ लिखा था:
- पहले समोसे पर: “प्लीज़ मान जाओ!”
- दूसरे पर: “मैं वाकई में भूल गया था, गलती हो गई!”
- तीसरे पर: “सॉरी! अगली बार तुम्हें भूलने का चांस ही नहीं दूँगा!”
- चौथे पर: “अगर मान जाओगी तो बोनस समोसा मिलेगा!”
सीमा पहले तो नाराज होकर समोसे को घूरने लगी, लेकिन फिर जैसे ही उसने पहला समोसा उठाया, हल्की-सी मुस्कान आ गई। और जब चौथे समोसे तक पहुँची, तो उसकी हँसी छूट गई।
“ठीक है, लेकिन अगले साल भूलोगे तो तुम्हें 100 समोसे खिलाने होंगे!” उसने शर्त रखी।
रमेश ने झट से सिर हिलाया, “बिलकुल! और चाहो तो गुलाब जामुन भी फ्री में मिलेंगे!”
सीमा ने मुस्कुराते हुए समोसे का एक टुकड़ा रमेश को भी खिला दिया। और इस तरह, एक समोसे ने एक बड़ा झगड़ा खत्म कर दिया!
सीख:
अगर पत्नी नाराज हो जाए, तो दिल से प्यार दिखाओ… या फिर समोसे का सहारा लो!