दो चिड़िया

हूं बेसब्र, कब सुबह फिर होगी, कब बीते रात, कब चहचहाहट होगी, बन चिड़िया चल मेरे, भर दो फिर नव रंग, जैसे खेला कल था, फिर खेलें हम संग। दो बहनों ने कैसे, बदले मेरे रूप, कभी बनाई गुड़िया, कभी बनाया भूप, कभी हंसाया मुझको, सजाके हर रोज, कभी बनाया बंदर, हंसने लगे सब लोग। […]

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आ गया जैसे कान्हा

खिलखिलाया फिर एक बार, दिल से बच्चा, संग तेरे, आ गया जैसे कान्हा, बन बच्चा, जब घर मेरे। है प्रार्थना, कान्हा से, बस मुस्काए हर पल तू, दिल की गहराई से, हैप्पी बर्थडे टू यू।

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भगवान मिल गए

जब भी कभी, जो मन में चाहा, कहता… पर कह न पाया, समझ गए उस अनकहे को, बिन मांगे ही सब कुछ पाया। जब भी कभी, मेरा मन घबराया, जताता… पर जता न पाया, बंधा गए हिम्मत फिर से, कह गए वो, जो मन को भाया। न जाने कैसे..? चल जाता है पता आपको, जो

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दिल से दुआ है

पल पल में तू मुस्काए, दूजे पल फिर रूठ जाए, फूलों की बगिया में बैठी, कैसे अपना मुंह फुलाए। जिद थी कि गोदी में लो, या फिर लाकर टॉफी दो, मिला जब तुझको 5 रुपया, बन गई तू प्यारी सी गुड़िया। साथ पढ़ते, साथ खेलते, एक दूजे को खूब सताते, खेल खेल में रूठ जाते,

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हौसलों की उड़ानों से

गोद में उस दिन तुझको जब, लेकर अपने सीने से लगाया, पूरी हो गई आरज़ू मेरी, तेरे माथे को जब सहलाया। मुस्काते देखा जब तूने, अपनी बंद आंखों से, लगा यूं कि बोल रही कुछ, अपने उन्मुक्त अरमानों से। हर पल दी इक नई खुशी, अपनी मासूम अदाओं से, नन्हे कदम, तुतलाती बोली, इजाद कर

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बनकर तेरे चरणों का दास

मां मुझे तू, फिर सहला दे, ममता का फिर नीर पिला दे। रोया नहीं हूं, अरसों से मां, सोया नहीं हूं, बरसों से मां, गले लगाकर, दुःख भुला दे, देकर थपकी, फिर सुला दे। छांव तेरे आंचल की जब, छा जाये मेरे माथे से, तपन मन की धीरे धीरे, छलके मेरी आंखों से। मन कहता

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सब व्यर्थ है, तेरे बिन

कटती नहीं ये रातें, रुकता नहीं ये दिन, क्या बताऊं कैसे बीते, ये पल पल तेरे बिन। रात आए मेरी, जब हो सबका सवेरा, सो जाऊं या उठ जाऊं,है घनघोर अंधेरा। आंखें खुले, तो तुझको पाऊं, तेरी आंखों में खो जाऊं, यही तमन्ना, है सच ये, न यकीं, पर झूठ नहीं ये। कर दो बस

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खफा न होंगे अब फिर से

ऐसे अगर गुस्सा कर खामोश हो जाओगी, मेरे गुम हो जाने की वजह बन जाओगी… तुम्हारे खफा होने की वजह मैं जानता हूं, गर नहीं है पसंद तुम्हें, सब खत्म कर देने कि बात मैं मानता हूं… मत रूठो यूं मुझ से तुम, मत उलझो यूं खुद से तुम, मुस्कुरा दो फिर से तुम, भुला

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