सब व्यर्थ है, तेरे बिन

कटती नहीं ये रातें, रुकता नहीं ये दिन, क्या बताऊं कैसे बीते, ये पल पल तेरे बिन। रात आए मेरी, जब हो सबका सवेरा, सो जाऊं या उठ जाऊं,है घनघोर अंधेरा। आंखें खुले, तो तुझको पाऊं, तेरी आंखों में खो जाऊं, यही तमन्ना, है सच ये, न यकीं, पर झूठ नहीं ये। कर दो बस […]

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खफा न होंगे अब फिर से

ऐसे अगर गुस्सा कर खामोश हो जाओगी, मेरे गुम हो जाने की वजह बन जाओगी… तुम्हारे खफा होने की वजह मैं जानता हूं, गर नहीं है पसंद तुम्हें, सब खत्म कर देने कि बात मैं मानता हूं… मत रूठो यूं मुझ से तुम, मत उलझो यूं खुद से तुम, मुस्कुरा दो फिर से तुम, भुला

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