जब भी कभी, जो मन में चाहा,
कहता… पर कह न पाया,
समझ गए उस अनकहे को,
बिन मांगे ही सब कुछ पाया।
जब भी कभी, मेरा मन घबराया,
जताता… पर जता न पाया,
बंधा गए हिम्मत फिर से,
कह गए वो, जो मन को भाया।
न जाने कैसे..?
चल जाता है पता आपको,
जो बातें छिपी थी कहीं,
हृदय में दबी थी कहीं।
हैं पथपर बहुत संघर्ष,
बनाके आपको जीवन आदर्श,
लग रहा है जीवन अब
मानो हो सिर्फ एक कर्ष।
हूं कृतज्ञ,
भाग्य खिल गए,
पिता के रूप में मुझे,
भगवान मिल गए।
Most amazing lines😊
Thank you 😊