ये बारिश की बूंदें,
क्यूं नम हैं ये आंखें,
दिखता नहीं वो,
ये दिल जिसको चाहे।
टिप टिप ये गिरता,
लगे जैसे रिमझिम,
ये बारिश की बूंदें,
क्यूं नम हैं ये आंखें।
जो न मिले तुम,
तो जी भर के रोऊं,
अगर मिल गए तुम,
तो बंद हों ये बारिश।
खुला है ये मौसम,
खिली हैं फिजाएं,
मुझे मिल गया वो,
ये दिल जिसको चाहे।
ये बारिश की बूंदें,
लगे अब सुहानी,
मुझे मिल गए तुम,
बनी अब कहानी।
—